श्रीहरिकोटा, 18 अगस्त 2024: इसरो ने आज सुबह 9:17 बजे अपने नवीनतम पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ‘ईओएस-08’ को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)-डी3 के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह मिशन इसरो की अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भरता और नवाचार की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
‘ईओएस-08’ का मिशन तीन प्रमुख पेलोड्स को लेकर उड़ा: इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआईआर), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर), और एसआईसी यूवी डोसिमीटर। यह उपग्रह 475 किमी की ऊंचाई पर एक गोलाकार निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में संचालित होगा और इसका कार्यकाल एक वर्ष का होगा।
ईओआईआर पेलोड उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग का पता लगाने, और औद्योगिक एवं बिजली संयंत्रों की आपदा निगरानी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। जीएनएसएस-आर पेलोड समुद्री सतह वायु विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, और हिमालयी क्षेत्र में क्रायोस्फीयर अध्ययन जैसे अनुप्रयोगों के लिए सक्षम है, जबकि एसआईसी यूवी डोसिमीटर गगनयान मिशन के लिए यूवी विकिरण की निगरानी करेगा।
‘ईओएस-08’ का द्रव्यमान लगभग 175.5 किलोग्राम है और यह 420 वाट की पावर उत्पन्न करता है। इस मिशन में सैटेलाइट तकनीक में कई नवीनताओं को शामिल किया गया है, जैसे कि इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सिस्टम, लघुकृत चरणबद्ध सरणी एंटीना, और फ्लेक्सिबल सौर पैनल। इसके अलावा, उपग्रह में उन्नत थर्मल प्रबंधन प्रणाली और ऑटो-लॉन्च पैड इनिशियलाइज़ेशन जैसी सुविधाएं भी शामिल की गई हैं।
इसरो का यह मिशन स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें सौर सेल निर्माण प्रक्रियाओं और माइक्रोसैट अनुप्रयोगों के लिए नैनो-स्टार सेंसर के उपयोग को प्राथमिकता दी गई है।
‘ईओएस-08’ का सफल प्रक्षेपण इसरो की अंतरिक्ष विज्ञान में नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।