जयपुर, 20 अगस्त। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के नगरीय निकायों में विभिन्न कारणों से रिक्त हुए पदों पर उपचुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं सचिव श्रीमती संचिता बिश्नोई ने बताया कि प्रदेश के 11 जिलों—बारां, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, जालौर, गंगापुर सिटी, कोटा, श्रीगंगानगर एवं अनूपगढ़—के कुल 12 नगर निकायों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य के रिक्त पदों के लिए उपचुनाव होंगे।
सदस्य पदों के लिए उपचुनाव: सदस्य पद के उपचुनाव के लिए लोक सूचना आज, मंगलवार को जारी कर दी गई है। नामांकन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 24 अगस्त, शनिवार प्रातः 10:30 बजे से अपराह्न 3 बजे तक है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 27 अगस्त को सुबह 10:30 बजे की जाएगी। 29 अगस्त, गुरुवार अपराह्न 3 बजे तक अभ्यर्थी अपना नाम वापस ले सकेंगे। चुनाव चिह्नों का आवंटन 30 अगस्त, शुक्रवार को किया जाएगा। 5 सितंबर, गुरुवार को सुबह 7 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। 6 सितंबर, शुक्रवार को सुबह 9 बजे से मतगणना की जाएगी।
अध्यक्ष पदों के लिए उपचुनाव: अध्यक्षीय पदों के लिए लोक सूचना 9 सितंबर, सोमवार को जारी की जाएगी। नामांकन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर, मंगलवार को सुबह 10:30 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक रहेगी। 11 सितंबर, बुधवार को सुबह 10:30 बजे से नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। 12 सितंबर, गुरुवार अपराह्न 3:00 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के तुरंत बाद चुनाव चिह्नों का आवंटन भी 12 सितंबर को ही किया जाएगा। मतदान 17 सितंबर, मंगलवार को सुबह 10:00 बजे से अपराह्न 2:00 बजे तक होगा तथा मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना की जाएगी।
उपाध्यक्ष पदों के लिए उपचुनाव: उपाध्यक्षीय पदों के लिए निर्वाचन 18 सितंबर, बुधवार को होगा। इस दिन सुबह 10 बजे से बैठक शुरू होगी। सुबह 11 बजे तक नामांकन पत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे। 11:30 बजे नामांकन पत्रों की संवीक्षा होगी और अपराह्न 2:00 बजे तक नाम वापसी की जा सकेगी। यदि आवश्यक हुआ तो अपराह्न 2:30 बजे से 5:00 बजे तक मतदान होगा। मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना की जाएगी।
इस प्रकार राज्य निर्वाचन आयोग ने विभिन्न पदों के उपचुनाव के लिए विस्तृत कार्यक्रम घोषित कर दिया है, जो प्रदेश के नगरीय निकायों में आगामी समय में पारदर्शिता और सुचारु प्रशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।