जयपुर, 22 अगस्त। राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। डीजल पंपों से खेतों की सिंचाई करने वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के तहत स्टैण्ड अलोन सौर ऊर्जा पंप परियोजना (कम्पोनेन्ट बी) एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। इस योजना के माध्यम से किसानों को बिजली कटौती और कृषि कनेक्शन में देरी से छुटकारा मिलेगा, साथ ही उन्हें सरकार से मिलने वाले अनुदान का फायदा उठाकर सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने का मौका मिलेगा।
क्या है योजना के फायदे?
पीएम-कुसुम कम्पोनेन्ट बी के तहत किसानों को 3, 5 और 7.5 हॉर्स पावर क्षमता के सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें से 30 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार और 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को अतिरिक्त 45,000 रुपये प्रति संयंत्र का अनुदान मिलेगा।
आवेदन की प्रक्रिया और दस्तावेज़
सोलर पंप लगाने के लिए किसान राजकिसान साथी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसान के पास जनाधार कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक, सिंचाई जल स्रोत की उपलब्धता और बिजली कनेक्शन न होने का शपथ पत्र होना आवश्यक है। आवेदन के बाद संबंधित फर्म द्वारा तकनीकी सर्वे और कोटेशन तैयार किए जाएंगे, जिसके बाद जिला उद्यान कार्यालय द्वारा स्वीकृति दी जाएगी।
कौन हैं पात्र किसान?
इस योजना में लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों के पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व होना चाहिए। अधिसूचित अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों के लिए 3 और 5 एचपी क्षमता के पंप के लिए 0.2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है।
लक्ष्य और क्रियान्वयन
वर्ष 2023-24 में राजस्थान के विभिन्न जिलों में कुल 1 लाख सौर ऊर्जा पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सबसे ज्यादा 15,000 पंप जयपुर जिले में लगाए जाएंगे।
निष्कर्ष
पीएम कुसुम योजना का कम्पोनेन्ट बी किसानों के लिए ऊर्जा और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करता है। यह योजना न केवल उनकी सिंचाई की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगी।