नई दिल्ली, 19 जून 2025: केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने आज नई दिल्ली में एम्स में आयोजित विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में कहा कि “वर्ष 2047 तक देश से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।” उन्होंने इस खतरनाक रोग से जूझ रहे लोगों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए यह भी कहा कि इस बीमारी के उन्मूलन के लिए सरकार अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में, श्री उइके ने सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और बताया कि 1 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीमारी को 2047 तक खत्म करने का संकल्प लिया था। उन्होंने चिकित्सक समुदाय से इस चुनौती का सामना करने और प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने का आह्वान किया।
आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान की स्थापना
इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एम्स दिल्ली के अंतर्गत आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान के लिए एक उन्नत केंद्र की स्थापना का ऐलान किया। यह संस्थान आदिवासी समुदायों के लिए विशेष रूप से लक्षित रोगों पर अनुसंधान करेगा और इसके माध्यम से सरकार को नीति निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
सिकल सेल एनीमिया के लिए सक्षमता केंद्र (COC)
जनजातीय कार्य सचिव श्री विभु नायर ने बताया कि सिकल सेल और एनीमिया से प्रभावित रोगियों के लिए 15 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में सक्षमता केंद्र (COC) की शुरुआत की जा रही है। इन केंद्रों में रोगियों को अत्याधुनिक निदान और प्रबंधन सेवाएं दी जाएंगी, जिनमें प्रसव-पूर्व निदान भी शामिल है।
नवीन दवाओं के विकास की आवश्यकता
सिकल सेल रोग के प्रभावी प्रबंधन के लिए नई दवाओं के विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। वर्तमान में इस रोग के इलाज के लिए केवल एक दवा उपलब्ध है, जो हर मरीज के लिए उपयुक्त नहीं है। मंत्रालय ने एम्स दिल्ली के सहयोग से दवा विकास के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें चयनित प्रस्ताव को 10 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
मंत्रालय की नई घोषणाएं
कार्यक्रम के दौरान श्री उइके ने यह भी घोषणा की कि सिकल सेल एनीमिया के इलाज के लिए दवाओं की मुफ्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने इस रोग से जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि सरकारी प्रयासों से इस विकार के इलाज में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।