नई दिल्ली, 11 अगस्त 2024: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली के पृथ्वी भवन में भारत सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, उन्होंने एक राष्ट्रीय भू-स्थानिक डेटा भंडार और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का प्रस्ताव रखा, जो देश के विज्ञान और तकनीकी ढांचे को और मजबूत करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे किसानों, ग्रामीण कारीगरों और अन्य वर्गों के कल्याण के लिए नवीन और स्वदेशी उत्पाद बनाने के लिए उद्योग और स्टार्टअप इकोसिस्टम का उपयोग करते हुए एक एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफ़ेस का विकास करें।
उन्होंने जियो-आईसीटी बुनियादी ढांचे के सुचारू कनेक्शन और गैर-सरकारी क्षेत्रों के सहयोग से ज्ञान और संसाधनों के संयोजन पर आधारित टिकाऊ इकोसिस्टम के विकास पर भी जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने प्रारंभिक उद्योग जुड़ाव और आम लोगों के लिए इस पहल के दीर्घकालिक लाभों के महत्व पर प्रकाश डाला।
बैठक का एक महत्वपूर्ण आकर्षण राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के एक महीने तक चलने वाले समारोह और 23 अगस्त को भारत मंडपम में होने वाले मुख्य कार्यक्रम की समीक्षा थी। इस दौरान, डॉ. सिंह ने “विज्ञान शक्ति” पोर्टल की प्रगति की भी जानकारी प्राप्त की और वैज्ञानिक पोर्टलों के संबंध में अपने अनुभव के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एकीकृत वेब भंडार को लाइव किया गया और इसका फीडबैक केंद्रीय मंत्री के साथ साझा किया गया। इसके अतिरिक्त, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत ‘एक सामान्य पोर्टल’ की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक के अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत @2047 की परिकल्पना का स्मरण किया और इसे साकार करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
इस बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. ए. के. सूद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव श्री रवि चंद्रन, और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेलवी सहित कई अन्य प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी उपस्थित थे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ भी इस बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए।
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