जयपुर, 12 अगस्त: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने आज कहा कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग जैसे गैर संक्रामक बीमारियों में तेजी से वृद्धि हुई है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग इन बीमारियों के उपचार, रोकथाम, और जन जागरूकता के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। राजस्थान में गैर संक्रामक बीमारियों से संबंधित कार्यक्रमों को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
श्री खींवसर ने ये बातें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, और क्लिंटन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में कहीं। सेमिनार का आयोजन टाइप-1 डायबिटीज से बचाव के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम ‘मिशन मधुहारी’ के तहत किया गया था। उन्होंने कहा कि आजकल की जीवनशैली में अनुशासन की कमी के कारण लोग गंभीर रोगों का शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता
मंत्री खींवसर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने स्वास्थ्य को जीवन का मूल मंत्र माना था और कहा था कि ‘पहला सुख निरोगी काया’। डायबिटीज जैसे रोगों के बावजूद, संयमित और अनुशासित जीवनशैली अपनाकर सामान्य जीवन जीया जा सकता है। बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन नियमित उपचार और सही खानपान से उन्हें स्वस्थ रखा जा सकता है। ‘मिशन मधुहारी’ के माध्यम से इस दिशा में एक संवेदनशील पहल की गई है, जिसमें व्यापक जनजागरूकता की आवश्यकता है।

गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य सेवाएं और जनजागरूकता बढ़ाने का प्रयास
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राजस्थान में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य का वृहद ढांचा स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि संक्रामक और गैर संक्रामक बीमारियों के उपचार के साथ-साथ ऐसी गतिविधियां बढ़ाई जाएं, जिनसे आमजन इन बीमारियों से बचाव के उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें।
टाइप-1 डायबिटीज पर जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘मिशन मधुहारी’ की पहल
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि गैर संक्रामक रोगों से बचाव और उपचार के लिए संचालित कार्यक्रम में कैंसर, हाइपरटेंशन, और डायबिटीज जैसे रोगों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में 8 लाख 60 हजार से अधिक लोग टाइप-1 डायबिटीज से ग्रसित हैं और इससे बचाव के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर ‘मिशन मधुहारी’ के पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
सेमिनार में फ्रेंड्स ऑफ मेवाड़ की श्रीमती पद्मजा कुमारी ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय डॉ. हंसराज सहित चिकित्सा विशेषज्ञ और इस क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।
‘मिशन मधुहारी’ के तहत शुरू किया गया यह अभियान टाइप-1 डायबिटीज के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव के उपायों को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राजस्थान सरकार इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है, जिससे राज्य के हर कोने तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और जागरूकता फैल सके।