नई दिल्ली, 17 अगस्त। पेरिस ओलंपिक 2024 में दो कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय निशानेबाज मनु भाकर को आज दिल्ली में केंद्रीय पत्तन, पोत और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सम्मानित किया। भाकर, जो एक अनुभवी नाविक की बेटी हैं, को भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) की ओर से उनके इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें फूलम गामुसा, एक मॉडल जहाज और ₹10 लाख के चेक से सम्मानित किया गया।
इस सम्मान समारोह में मनु भाकर ने युवा नाविकों से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे एक नाविक परिवार में पली-बढ़ी होने से उन्होंने अनुशासन, समर्पण और फोकस के मूल्यों को आत्मसात किया। इस अवसर पर श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मनु की मां सुमेधा भाकर और उनके पिता राम किशन भाकर, जो एक मर्चेंट नेवी जहाज पर मुख्य अभियंता के रूप में कार्यरत हैं, को भी सम्मानित किया।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने संबोधन में कहा, “पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर की अभूतपूर्व उपलब्धि उत्कृष्टता के प्रति उनकी दृढ़ता और निरंतर प्रयास का प्रतीक है। वह भारत की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं, विशेष रूप से हमारे युवा नाविकों के लिए। मनु का अनुशासन, समर्पण और फोकस उनके परिवार और नाविक समुदाय के बीच बड़े होने के दौरान विकसित हुआ।”
मनु भाकर ने इस अवसर पर कहा, “मुझे अपने पिता, मां और भाई के साथ जहाजों पर नौकायन की यादें बहुत प्रिय हैं। उन यात्राओं ने मुझे जीवन के विभिन्न पहलुओं को सीखने और चुनौतियों का सामना करने में मदद की। मुझे विश्वास है कि सीमाओं से परे जाकर कुछ बड़ा करने का मतलब है कि आपकी यात्रा और आपका प्रयास आपके लक्ष्यों से अधिक महत्वपूर्ण है।”
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। मुझे मनु भाकर के हालिया प्रदर्शन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि वह 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में दो पदक जीतने वाली एकमात्र खिलाड़ी बन गई हैं। मनु भाकर देश के लिए कई और पदक जीतेंगी और हमें उन पर हमेशा गर्व रहेगा।”
इस सम्मान समारोह में पत्तन, पोत और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के सचिव टी.के. रामचंद्रन, संयुक्त सचिव आर लक्ष्मणन और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।