जयपुर, 12 अगस्त: राजस्थान सरकार ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें से एक है ‘कृषि विषय में अध्ययनरत छात्राओं को देय प्रोत्साहन राशि योजना’। इस योजना का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक बालिकाएं कृषि क्षेत्र की नवीनतम विधाओं का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने परिवार और देश की समृद्धि में योगदान दें।
इस योजना के तहत कृषि संकाय से 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी तक अध्ययन करने वाली छात्राओं को 15,000 से 40,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है। राज्य के कृषि आयुक्त, श्री कन्हैया लाल स्वामी के अनुसार, 11वीं और 12वीं कक्षा की छात्राओं को कृषि विषय के अध्ययन के लिए प्रतिवर्ष 15,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। स्नातक स्तर पर जैसे उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, और खाद्य प्रसंस्करण में अध्ययनरत छात्राओं को 25,000 रुपये और पीएचडी की छात्राओं को प्रतिवर्ष 40,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
19,662 छात्राओं को मिला 35 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन
योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप 21 दिसंबर 2023 से जुलाई 2024 तक कुल 19,662 छात्राओं को 35 करोड़ 62 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। यह राशि छात्राओं को कृषि संकाय में अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान की गई है।
कृषि शिक्षा में संबल पा रहीं हैं अनामिका और विभा
उदयपुर के जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय की बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा अनामिका शर्मा ने इस योजना के तहत बीएससी के प्रथम वर्ष में 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त की। अनामिका का कहना है कि शुरू से ही उनका लक्ष्य कृषि क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने का था, और इस योजना ने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया है। अब वे पढ़ाई के साथ-साथ किसानों को भी उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी देने में सक्षम हैं।
वहीं, इसी विश्वविद्यालय की बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा विभा प्रजापत ने भी मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा का आभार व्यक्त किया। विभा कहती हैं कि इस योजना ने उन्हें कृषि विषय में पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया है, और वे चाहती हैं कि वे कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में अधिक से अधिक सीखें और इस क्षेत्र में नवाचार करें, जिससे किसानों की मेहनत कम हो और उनकी आय में वृद्धि हो सके।

राज्य सरकार की इस प्रोत्साहन योजना से न केवल बालिकाओं को कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है, बल्कि यह योजना कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के माध्यम से राज्य सरकार का यह प्रयास, राज्य और देश की समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।