नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024: प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के तहत राजस्थान में रेलवे परियोजनाओं को एक नई दिशा मिली है। पिछले तीन वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) और चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राजस्थान राज्य में पूरी तरह या आंशिक रूप से आने वाली कुल 54 परियोजनाओं (23 नई लाइनें और 31 दोहरीकरण) के सर्वेक्षण स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी कुल लंबाई 4,894 किलोमीटर है।
लोकसभा में माननीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य में रेल नेटवर्क को मजबूत करना और यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक परिवहन सेवाएं प्रदान करना है।
4181 किमी की 32 रेल परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, 01 अप्रैल 2024 तक 51814 करोड़ रुपये की लागत से 4181 किमी लंबाई वाली 32 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं (15 नई लाइनें, 5 आमान परिवर्तन और 12 दोहरीकरण), जो राजस्थान में आंशिक रूप से या पूरी तरह आती हैं, योजना, अनुमोदन, और निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें से 1183 किलोमीटर लंबाई की रेल परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं, और इन पर मार्च 2024 तक 14785 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
इनमें शामिल हैं:
- 15 नई लाइन परियोजनाएं: 1230 किलोमीटर कुल लंबाई की 15 परियोजनाओं पर 20997 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। इनमें से 134 किलोमीटर लाइन पहले ही चालू हो चुकी है और मार्च 2024 तक 3593 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
- 5 गेज परिवर्तन परियोजनाएं: 1252 किलोमीटर की कुल लंबाई के लिए 8334 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है। इनमें से 759 किलोमीटर लंबाई चालू हो चुकी है और 5398 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
- 12 दोहरीकरण परियोजनाएं: 1709 किलोमीटर की कुल लंबाई के लिए 22483 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है, जिसमें से 290 किलोमीटर की लाइन चालू हो चुकी है। इस पर अब तक 5794 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
बजट आवंटन में भारी वृद्धि
मंत्री महोदय ने बताया कि 2014 से राजस्थान में रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2009-14 के दौरान औसत वार्षिक बजट ₹682 करोड़ से बढ़कर 2024-25 के लिए ₹9959 करोड़ हो गया है, जो लगभग 15 गुना अधिक है। रेल कमीशनिंग के मामले में भी 2009-14 में औसत कमीशनिंग 798 किमी (159.6 किमी/वर्ष) थी, जो 2014-24 में बढ़कर 3742 किमी (374.2 किमी/वर्ष) हो गई है।
रींगस-खाटू श्यामजी नई रेल लाइन को मंजूरी
रींगस-खाटू श्यामजी (17.49 किमी) नई रेल लाइन के लिए 254.06 करोड़ की लागत से मार्च 2024 में मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, खाटू श्यामजी-सालासरजी-सुजानगढ़ (45 किमी) के बीच नई रेल लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण भी किया गया है।
राजस्थान में रेलवे परियोजनाओं के इस विस्तार से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आवागमन सुविधाओं में सुधार होगा और विकास को नई गति मिलेगी।