नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024: अंतर्राष्ट्रीय आनुवंशिक इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आईसीजीईबी) ने आज अपने नई दिल्ली परिसर में विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया। इस विशेष कार्यक्रम में जैव ईंधन और कार्बन अभिग्रहण प्रौद्योगिकियों में हुई नवीनतम प्रगति का प्रदर्शन किया गया, जिसमें छात्रों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण श्री रामकृष्ण वाईबी, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के जैव ईंधन पर कार्य समूह के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान विशेषज्ञ सदस्य, द्वारा दिया गया मुख्य भाषण था। उन्होंने “उन्नत जैव ईंधन के लिए भारत में उभरती नीति पारिस्थितिकी तंत्र और 2070 तक शुद्ध शून्य प्राप्त करने की दिशा में अवसर” विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि जैव ईंधन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इस दिशा में व्यापक अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता है, जिससे यह व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बन सके और सतत ऊर्जा उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
इस अवसर पर श्री रामकृष्ण वाईबी ने आईसीजीईबी द्वारा निर्मित दो लघु फिल्में भी जारी कीं। पहली फिल्म, “बिल्डिंग ए ग्रीनर फ्यूचर: द कार्बन क्वेस्ट,” कार्बन अभिग्रहण में अत्याधुनिक शोध पर केंद्रित है, जबकि दूसरी फिल्म, “बिल्डिंग ए ग्रीनर फ्यूचर: बायोमास टू बायोफ्यूल्स,” में बायोमास को जैव ईंधन में परिवर्तित करने में आईसीजीईबी की कोशिशों को दर्शाया गया। इन फिल्मों ने संस्थान के अनुसंधान प्रयासों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और इस क्षेत्र में हो रही प्रगति की झलक दी।
इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन प्रमुख कॉलेजों और दो केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों ने भी भाग लिया। उन्हें आईसीजीईबी के प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने और जैव ईंधन और कार्बन अभिग्रहण के क्षेत्र में चल रहे अनुसंधान को समझने का अनूठा अवसर मिला। इस दौरान छात्रों ने विभिन्न आईसीजीईबी प्रयोगशालाओं में जाकर जैव ईंधन उत्पादन और कार्बन अभिग्रहण प्रौद्योगिकियों के व्यावहारिक पहलुओं का अनुभव किया। इन लाइव प्रदर्शनों ने छात्रों को वैज्ञानिक प्रक्रियाओं की गहन समझ प्रदान की और इस महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र में उनकी रुचि को बढ़ाया।
आईसीजीईबी के विश्व जैव ईंधन दिवस 2024 का यह उत्सव न केवल संस्थान की अत्याधुनिक अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है, बल्कि युवाओं को एक स्थायी और हरित भविष्य के निर्माण में प्रेरित करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि जैव ईंधन और कार्बन अभिग्रहण की प्रौद्योगिकियों में निवेश न केवल ऊर्जा क्षेत्र को पुनर्परिभाषित करेगा, बल्कि वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर शुद्ध शून्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायक होगा।