नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने आज वर्चुअल माध्यम से लिम्फेटिक फाइलेरियासिस (हाथीपांव) उन्मूलन के लिए द्विवार्षिक देशव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य बिहार, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के 63 स्थानिक जिलों को कवर करना है, जहाँ घर-घर जाकर निवारक दवाओं का वितरण किया जाएगा।
श्री जाधव ने इस मौके पर कहा, “लिम्फेटिक फाइलेरियासिस एक मच्छर जनित रोग है जिसे सरल उपायों से रोका जा सकता है। इसके संचरण को रोकने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के दौर बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह अभियान लिम्फेटिक फाइलेरियासिस को वैश्विक लक्ष्य से पहले खत्म करने के भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा।”
इस कार्यक्रम के दौरान, श्री जाधव ने ‘लिम्फेटिक फाइलेरियासिस के उन्मूलन पर संशोधित दिशानिर्देश’ और सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि लिम्फेटिक फाइलेरियासिस को नियंत्रित करने के लिए मच्छरों से बचाव और फाइलेरिया रोधी दवाइयों का सेवन आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने मिट्टी के घरों में रहने वाले लोगों के लिए पक्के घर सुनिश्चित करने के प्रयासों पर भी जोर दिया, ताकि उन्हें ऐसी बीमारियों से बचाया जा सके।
श्री जाधव ने यह भी कहा कि लिम्फेटिक फाइलेरियासिस के लिए एक टीका विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से प्रभावित लोगों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाते हैं, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
इस अवसर पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री श्री दामोदर राजनरसिम्हा, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मुकेश महालिंग, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, और कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री श्री दिनेश गुंडू राव भी उपस्थित थे। इन मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में लिम्फेटिक फाइलेरियासिस के उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी साझा की और केंद्र सरकार को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव और एमडी (एनएचएम) श्रीमती आराधना पटनायक ने बताया कि 10 अगस्त 2024 को शुरू होने वाले इस एमडीए अभियान का दूसरा चरण 6 राज्यों के 63 जिलों में चलाया जा रहा है। इसमें 38 ट्रिपल ड्रग और 25 डबल ड्रग जिलों को शामिल किया गया है, जहाँ घर-घर जाकर दवाओं का वितरण किया जाएगा और उनके सेवन की पुष्टि की जाएगी।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग केंद्र की निदेशक डॉ. तनु जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
पृष्ठभूमि: लिम्फेटिक फाइलेरियासिस, जिसे आमतौर पर हाथीपांव कहा जाता है, एक मच्छर जनित रोग है जो गंदे/प्रदूषित पानी में पनपने वाले क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह रोग भारत के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है और 2027 तक इसे समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत ने इसके उन्मूलन के लिए मिशन मोड वार्षिक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान जैसी रणनीतियों को अपनाया है।
2024 में, एमडीए अभियान का पहला चरण 11 राज्यों के 96 जिलों में आयोजित किया गया था, जिसमें 95 प्रतिशत की राष्ट्रीय कवरेज हासिल की गई थी। अब दूसरे चरण में, 6 राज्यों के 63 जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है, जिससे भारत को लिम्फेटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन के अपने लक्ष्य की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने में मदद मिलेगी।