नई दिल्ली, 11 अगस्त 2024: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ (NFCSF) द्वारा आयोजित ‘चीनी उद्योग संगोष्ठी एवं राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार 2022-23’ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस कार्यक्रम में श्री शाह ने सहकारिता के आठ क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार प्रदान किए।
श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में सहकारिता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “हमारा देश सहकारिता आंदोलन का साक्षी रहा है, और सहकारिता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है।” उन्होंने गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और कर्नाटक जैसे राज्यों के सहकारिता में नेतृत्व की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ऐतिहासिक निर्णय के तहत अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया, जिससे सहकारिता क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए हैं।
श्री शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में गन्ना उत्पादन का क्षेत्र 5 मिलियन हेक्टेयर था, जिसे 10 साल में 18 प्रतिशत बढ़ाकर 6 मिलियन हेक्टेयर कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप गन्ने का उत्पादन 40 प्रतिशत बढ़कर 491 मिलियन टन हो गया है, जबकि उपज में 19 प्रतिशत और चीनी उत्पादन में 58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने इथेनॉल उत्पादन पर जोर देते हुए कहा कि “इथेनॉल-ब्लेंडिंग के लिए मोदी सरकार की नीतियों से पेट्रोल के आयात बिल में कमी, पर्यावरण सुधार, किसानों की आय में वृद्धि, और चीनी मिलों के मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है।” उन्होंने कहा कि 2025-26 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री अमित शाह ने सहकारी चीनी मिलों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “2022-23 में इथेनॉल आपूर्ति में कोऑपरेटिव चीनी मिलों का योगदान लगभग 8 प्रतिशत रहा है, जिसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना होगा।” उन्होंने चीनी मिलों के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले 20 वर्षों से लंबित 15000 करोड़ रुपये की कर देनदारी से चीनी मिलों को प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार में ही राहत दिलाई है।
श्री शाह ने कहा कि NFCSF को अगले दो वर्षों में सभी सरकारी चीनी मिलों को इथेनॉल उत्पादन में सक्षम बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित रहना चाहिए और चीनी उत्पादन से होने वाले लाभ को सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।
यह कार्यक्रम न केवल सहकारी चीनी मिलों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है, बल्कि इससे भारतीय चीनी उद्योग की सतत वृद्धि और ग्रामीण सशक्तिकरण के लक्ष्यों को भी मजबूती मिली है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के प्रेरणादायक संदेश से सहकारी चीनी मिलों के भविष्य में और भी ऊंचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद है।