निदेशक माध्यमिक शिक्षा, आशीष मोदी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब से सभी राजकीय एवं गैर-राजकीय विद्यालयों में किसी भी प्रकार के धारदार हथियार, नुकीली वस्तुएं आदि लाना सख्त रूप से निषिद्ध रहेगा। इसमें चाकू, छुरी, धारदार कैंची या अन्य किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ऐसा कोई भी प्रयास विद्यालय की सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में “अहिंसा परमो धर्म” के सिद्धांत का महत्व समझाते हुए अहिंसा को व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाने पर बल दिया जाता है। राज्य सरकार भी इसी भावना के अनुरूप, विद्यालयों में सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाए रखने और विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यालय में भयमुक्त और सकारात्मक वातावरण हो, जहां विद्यार्थी अपने सर्वांगीण विकास की दिशा में अग्रसर हो सकें।
संस्था प्रधान और शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे विद्यार्थियों को इस नियम की जानकारी दें और उनके आचरण पर सूक्ष्म निगरानी रखें। शिक्षकों का दायित्व होगा कि वे नियमित रूप से विद्यार्थियों के बैग, डेस्क और व्यक्तिगत वस्तुओं की जांच करें ताकि कोई निषिद्ध वस्तु विद्यालय में न लाई जा सके।
अभिभावकों को भी अपने बच्चों को इन वस्तुओं के खतरों के प्रति जागरूक करने की सलाह दी गई है और उन्हें प्रोत्साहित किया गया है कि वे अपने बच्चों के बैग की समय-समय पर जांच करें। साथ ही, बच्चों के व्यवहार में कोई परिवर्तन दिखे तो तुरंत सजग हो जाएं और शिक्षकों से नियमित संपर्क में रहें।
यदि किसी विद्यार्थी को धारदार हथियार या नुकीली वस्तुएं विद्यालय में लाते हुए पाया जाता है, तो संस्था प्रधान को निर्देश दिया गया है कि वे उसके अभिभावकों से संपर्क करें और आवश्यकता होने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। इस आदेश का पालन कर, विद्यालयों में एक सुरक्षित और सकारात्मक शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे सभी विद्यार्थियों का अध्ययन और विकास बिना किसी भय के हो सके।