जयपुर, 23 सितंबर।
प्रखर राजस्थान अभियान के तहत सोमवार को मनाए गए कहानी दिवस पर राज्य परियोजना निदेशक एवं राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के आयुक्त श्री अविचल चतुर्वेदी ने पीएम श्री राजकीय आदर्श बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गणगौरी बाजार, जयपुर में अचानक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय के शौचालय, स्टोर, म्यूजिक रूम, पुस्तकालय और व्यावसायिक शिक्षा कक्ष का निरीक्षण किया।
श्री चतुर्वेदी ने विभिन्न कक्षाओं में जाकर बच्चों से कहानियाँ सुनीं और अपने जीवन से प्रेरक वृतांत भी साझा किए। उन्होंने खासतौर पर छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म और संघर्ष की कहानी सुनाकर बच्चों में साहस और धैर्य का संदेश दिया।
कहानी पढ़ने की आदत से मिलेगा विकास
श्री चतुर्वेदी ने बच्चों को पाठ्यक्रम से अलग हटकर कथा-कहानियों की किताबें पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कहानियाँ बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाती हैं और नैतिक मूल्यों का विकास करती हैं। विद्यार्थियों की खेलों में रुचि और मोबाइल पर देखे जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली गई।
विद्यार्थियों से पंचतंत्र की कहानियाँ और जलीय जीवों के नाम पूछे
शिक्षा निदेशक ने कक्षा में मौजूद बच्चों से पंचतंत्र की कहानियों, हिंदी के कठिन शब्दों के अर्थ और जलीय जीवों के नाम पूछे, जिससे विद्यार्थियों की ज्ञान क्षमता का परीक्षण भी किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को कहानियाँ पढ़ने और सुनाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह अभ्यास उनकी शिक्षा और मानसिक विकास के लिए अत्यधिक लाभकारी है।
कहानी सुनने-सुनाने की कला बच्चों के भीतर रचनात्मकता को बढ़ावा देती है और यही कारण है कि राजस्थान में कहानी दिवस का आयोजन शिक्षा के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
श्री चतुर्वेदी का यह दौरा विद्यालय के बच्चों के बीच प्रेरणा का स्रोत बना, और कहानी दिवस को एक यादगार अनुभव के रूप में सभी ने सराहा।